11 killed as vehicles plunge into river after Gambhira bridge collapse in Vadodara

11 killed as vehicles plunge into river after Gambhira bridge collapse in Vadodara



11 लोगों की मौत, 5–6 वाहन गम्भीरा पुल गिरने के बाद महिसागर नदी में डूबे 

हादसा 9 जुलाई की सुबह लगभग सुबह 7:30 बजे हुआ, जब पुल के बीच का स्लैब टूट गया 

छह से अधिक गंभीर रूप से घायल, कुछ का इलाज वडोदरा के SSG अस्पताल में चल रहा है 

पुल 1985–86 में बना था और कई वर्षों से इसके खस्ताहाल होने की चेतावनियाँ सरकारी विभागों को मिल 




घटना का सार
पुल का ढहना

गम्भीरा ब्रिज, जो वडोदरा (पादरा) और आणंद को जोड़ता था, का बीच का स्लैब सुबह 7:30 बजे अचानक टूट गया। 

घटना के समय पुल पर कम से कम 5–6 वाहन – दो ट्रक, दो वैन, एक ऑटो/जीप – मौजूद थे, जो नदी में गिर गए; एक टैंकर पुल के किनारे लटकता रहा। 


क्षति और बचाव कार्य

11–13 व्यक्ति की मौत हुई (अलग-अलग रिपोर्टों में आंकड़े 9 से 13 के बीच बताए गए हैं); कई अन्य घायल हुए; कुछ को बचाया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया। 


रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस, दमकल, NDRF/SDRF, गोताखोर और स्थानीय लोग शामिल हुए। कीचड़ और पानी की असुविधाजनक स्थिति ने बचाव कार्य को जटिल बनाया। 

पूर्व चेतावनियाँ अनसुनी

स्थानीय नेताओं और RTI कार्यकर्ता ने 2022 से पुल की असुरक्षित स्थिति की चेतावनी दी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी थी। कई बार पुल की मरम्मत मांग की गई थी, लेकिन उसे टाला गया। 


सरकारी प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दुख जताया।

मृतकों के लिए PMNRF से ₹2 लाख + राज्य सरकार से ₹4 लाख; घायलों को ₹50 हज़ार की सहायता की घोषणा की गई। 


मुख्यमंत्री ने Roads & Buildings विभाग को जांच के निर्देश दिए, जिसने उसी दिन तकनीकी टीम मौके पर भेजी। ₹212 करोड़ नए पुल के लिए पहले ही मंजूर हो चुके थे; इसकी डिज़ाइन और टेंडर प्रक्रिया चल रही थी।

📌 निष्कर्ष
यह पुल हादसा उस लम्बे चेन का हिस्सा है जिसमें बुनियादी ढांचे की जर्जर स्थिति और प्रशासनिक उदासीनता प्रमुख रही है। 2022 की मोरबी घटना की तरह, warning signs को अनदेखा करना भारी तबाही की वजह बन गया। समय पर निराकरण और सुनियोजित रख‑रखाव की किल्लत ने मातम और गुस्सा दोनों को जन्म दिया है।

यदि आप चाहें तो:

पुल की पूर्व चेतावनियों या सरकारी कार्रवाई के क्रम की और गहराई से जानकारी ले सकते हैं।

हादसे से प्रभावित परिवारों की सहायता के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं।

आधारभूत ढांचों की सुरक्षा और जवाबदेही के सवाल उठा सकते हैं।

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